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Aasma Fursat Mein Hain
Madam Mohan Danish
(Autor)
·
Manjul Publishing House Pvt. Ltd.
· Tapa Blanda
Aasma Fursat Mein Hain - Danish, Madam Mohan
Sin Stock
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Reseña del libro "Aasma Fursat Mein Hain"
ग़ज़ल अपने शायर को हर लम्हा रूमान में भी रखती है और इम्तिहान में भी I ग़ज़ल चाहती है कि उसका शायर हर मंज़र के होने को न सिर्फ़ तस्लीम करेबल्कि उसे इस शिद्दत से महसूस करे कि मंज़र खुद उसे अपने पसमंज़र तक ले जाये. उसकी निगाह हैरान हो. वो देखे हुए के सरहद से आगे निकल कर उन नई सिम्तों को ईजाद करे जो उसे गुमशुदा मंज़िलों का सुराग दें I ग़ज़ल की इन ख़्वाहिशों को रूप देने के लिए मदन मोहन दानिश के तजरुबों ने उनका साथ निभाया I उनकी रचनाओं में तजरुबों के साथ-साथ आने वाले कल की तस्वीर भी तसव्वुर में झिलमिलाती है और कल को बेहतर बनाने का ख्वाब भी दिखती हैं I मदन मोहन दानिश उर्दू शायरी की दुनिया का वो नाम हैं जो अपने मख़सूस लहजे और ख़ास डिक्शन की वजह से अलग से पहचाना जाता है. मुश्किल से मुश्किल बात को भी आसानी से कह देने का कमल मदन मोहन दानिश को हासिल है. दानिश की शायरी ज़िन्दगी के मुख़्तलिफ़ रंगों से सजा हुआ एक ऐसा कोलाज है जिसमें हर आदमी को अपना रंग नज़र आता है. यही वजह है कि दानिश की शायरी की ख़ुशबू मुल्क की सरहदों से होती हुई दुनिया के तमाम मुल्कों में फ़ैल चुकी है.
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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